Friday, 23 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (71-73)

71 .  भंडार  सफाई जरुरी :

यदि भवन के नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण में भंडार कक्ष बंद पड़ा हुआ हो अर्थात रूम में ताला लगा हो तो उसे तुरंत खुलवाकर सफाई कराएं और वहां समुचित प्रकाश की व्यवस्था करें। मेरे अनुभव के अनुसार जिन व्यक्तियों के आवास भवनों के भण्डारण कक्षों में ताला पड़ा होता है और उनके भीतर समुचित प्रकाश व्यवस्था नहीं होती उन व्यक्तियों का भविष्य अंधकार में होता है। फेंग शुई के अनुसार ऐसी स्थिति में व्यक्ति का भाग्य भी ताले में बंद होकर अंधकार के कोने में डूबा रहता है। भवन में भंडार कक्ष छोटा होने पर उस भवन के स्वामी के समस्याएं कम होती है जबकि भंडार कक्ष बड़े होने पर उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों एवं गृहस्वामी के समस्या उतनी ही बड़ी एवं विकराल होती है। इसलिए इन कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भंडार कक्ष में प्रयाप्त प्रकाश की व्यवस्था करनी चाहिए तथा प्रतिदिन भंडार कक्ष की भी अन्य कक्षों की तरह सही ढंग से सफाई करनी चाहिए। भूलकर भी भंडार कक्ष में झाड़ू, कूड़ा-कचरा, बालों के गुच्छे एवं पोछा आदि नहीं रखना चाहिए, तथा भंडार कक्ष में समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। 

72 . अग्नि तत्व से लाभ :
मनुष्य के जीवन में प्रकाश अर्थात अग्नि तत्व का विशेष महत्व है। सूर्य की प्रात:कालीन किरणों में विटामिन ए, डी एवं एफ की भरपूर मात्रा होने से यह किरणे जीवनदायिनी एवं लाभकारी होती है। सूर्य की किरणे पृथ्वी को अपने इंद्रधनुषी सप्तरंगों से हरा-भरा करती रहती है। उसी प्रकार कृतिम प्रकाश की किरणे भी मनुष्य के जीवन को काफी सीमा तक प्रभावित करती है। फेंग शुई के अनुसार वैवाहिक जीवन को प्रेम एवं रोमांस से ओत-प्रोत बनाए रखने के लिए भवन के बगीचे के दक्षिण-पश्चिम कोण में एक खम्भे पर तेज प्रकाशित बल्ब लगाकर उसके ऊपर पीले रंग का गोल लैम्प शेड लगाएं। इस प्रकार यह पृथ्वी की ऊर्जा को अधिक सक्रीय बना देता है, जिससे पति पत्नी के मध्य प्रेम की ज्वाला आजीवन सक्रीय रहती है। इससे भवन में रहने वाले यूवा लड़के एवं लड़कियों के मध्य अपने जीवन साथी के विषय में गंभीर एवं स्पष्ट धारणाएं जन्म लेती रहती है। दक्षिण-पश्चिम कोण में लगा प्रकाश का बल्ब भवन के भीतर हो अथवा बाहर, अवश्य ही परिवार एवं वैवाहिक भाग्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

73. भाग्यवर्धक हंसो का जोड़ा :
फेंग शुई के अनुसार विवाहित जीवन में प्रेम एवं स्थायित्व के लिए हंस के जोड़े को बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है। जो भी नवयुवक एवं नवयौवना अभी-अभी प्रेम रूपी विवाह की ग्रंथियों में बंधे हुए है उन्हें अवश्य हो मैंडेरिन बत्तखों का जोड़ा रखना चाहिए। हंसो को सकारात्मक शुभ 'यांग' ऊर्जा का प्रवाहक माना  गया है, इसलिए प्रेम के भविष्य को सुन्दर एवं बेहतरीन बनाने के लिए हंसो के युगल (नर एवं मादा के जोड़े) चित्रों को लगाना चाहिए। 

Thursday, 22 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (68-70)

68 . मुख्य द्वार का महत्व :
फेंग के अनुसार मुख्य द्वार के भीतर-बाहर किसी भी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए। मुख्य द्वार के पास किसी भी प्रकार का अवरोध व्यक्ति के सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है। मुख्य द्वार मकान के सबसे बड़े एवं रोशनी युक्त कमरे, प्रवेश हाल अर्थात गलियारे में खुलना चाहिए।  उसके सामने जूता रखने का डिब्बा या अन्य कोई अवरोधक नहीं होना चाहिए।  मुख्य द्वार के पास बेकार वस्तुयें भी नहीं होनी चाहिए। भवन के मुख्य द्वार के सामने भवन या खम्भा होना भी एक तरह से अवरोध है। अत: दरवाजे को सही स्थान पर खिसकाकर इसे तुरंत सुधारना चाहिए। मुख्य द्वार भवन के दर्पण अर्थात प्रतिबिम्ब होता है, इसलिए मकान का मुख्य द्वार अवरोध रहित होना चाहिए। मुख्य द्वार व्यक्ति की समृद्धि का प्रतीक भी होता है। फेंगशुई में शुभ दिशाओं को बढ़ाने के लिए तथा अशुभ दिशाओं में कोणों को कम करने के लिए दर्पण का प्रयोग किया जाता है। शुभ दिशाओं में भीतर की और देखता हुआ दर्पण कोण को बढ़ाता है, जबकि अशुभ दिशा में बाहर की और देखता हुआ दर्पण लगाना शुभ रहता है। उचित स्थान पर लगा दर्पण काल्पनिक चित्र को बढाकर लाभदायक 'ची' ऊर्जा को पैदा करता है, जिससे लाभ होने लगता है।  उत्तर की दीवार के दर्पण के पीछे पेन्ट, क्रीम, हरा अथवा नीला रंग रखे तभी लाभ हो सकता है। अत: यहां हल्का दर्पण लगाना चाहिए। उत्तर दिशा में  गोल दर्पण लगाने से धन एवं स्वास्थ्य की हानि होती है। 

69 . घंटियों से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि :
फेंग शुई के अनुसार अपने को मधुर लगने वाली घंटी को लगाना चाहिए, क्योंकि भद्दी एवं तेज आवाज वाली घंटी से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन होती है। वैसे तो घर में तिब्बती घंटी भी लगानी चाहिए, क्योंकि तिब्बती घंटी को लगाने से भवन में शक्तिशाली ऊर्जा 'ची' की वृद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा का स्तर भी भवन में बढ़ता है।

70 . निराश प्रेमियों के लिए फेंग शुई उपचार :

यदि कोई निराश प्रेमी हो तथा किसी भी लड़की ने उसे पसंद न किया हो अथवा वह प्रेम के प्रति उदासीन हो और उसके जीवन में उत्साह एवं उमंग का आभाव हो, तो ऐसे व्यक्ति का उपचार फेंग शुई के द्वारा हो सकता है।  इसके लिए शयन कक्ष की दक्षिणी-पश्चिमी दीवार को लाल चमकीले रंगो से पोत दे अथवा अधिक गहरा चटक लाल रंग का पेपर चिपका दें।  इससे उस भवन के वातावरण में शक्तिशाली 'यांग' ऊर्जा उत्पन्न होकर उस क्षेत्र की 'ची' ऊर्जा की अग्नि को प्रज्वलित कर देती है, साथ ही साथ उस व्यक्ति के अंदर भी कामाग्नि रूपी प्रेम भड़क उठता है, क्योंकि लाल रंग में शक्तिशाली 'ची' ऊर्जा होती है। इसे दक्षिण-पश्चिम में सही ढंग से उचित स्थान पर लगाया जाए तो यह प्रेम एवं रोमांस की 'ची' ऊर्जा की तीव्रता को सक्रीय कर देता है। जिससे प्रेम के प्रति उदासीन रहना वाला व्यक्ति का दिल भी फड़कने लगता है। लाल रंग को सदैव ठीक स्थान पर लगाना चाहिए, क्योंकि यह रंग सही समय पर निश्चित ही अपना कार्य ठीक प्रकार से करता है, परन्तु इसकी अधिकता भी खतरनाक होती है। मेरे अनुभव के अनुसार लाल रंग की अधिकता से व्यक्ति प्रेम के मामले में अधिक उग्र एवं हिंसक हो जाता है। लाल रंग का उद्देशय पूरा होने के बाद उस कोने को पुन: पहले वाले रंग में पोत  देना चाहिए। 
      





  

Wednesday, 7 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (64-67)

64 . भाग्यवर्द्धक शुभ चिन्ह :
फेंग शुई के नियमानुसार भवनवास में सुख शांति, प्रेम एवं सामंजस्य के लिए अनेक प्रकार के भाग्यवर्द्धक शुभ चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।  इनमे डबल हैप्पीनेस सिम्बल, ड्रैगन, फीनिक्स, अंतहीन गांठ, बत्तख आदि प्रमुख है। भवन में अत्यधिक खुशियां के लिए डबल हैप्पीनेस सिम्बल को शादी के कार्ड, जन्मदिन कार्ड, नववर्ष के कार्ड, त्योहारों के कार्ड आदि पर छपवाना चाहिए तथा अपने मित्रों में वितरित करना चाहिए। फीनिक्स एवं ड्रैगन आदि के चित्रों को पेंटिंग के रूप में चादर, परदे एवं परिधानों पर सजाने से खुशियों में वृद्धि होती है। अंतहीन गांठ के चिन्ह को फर्नीचर अादि पर, दरवाजों-ग्रिल पर बनाएं, ये सभी शुभ प्रतिक चिन्ह गृह-नक्षत्र आदि के प्रतिकूल प्रभाव को काम करने में सहायक होते है। यदि इनके साथ-साथ जन्म कुंडली के गृह-नक्षत्र अनुकूल हों तो उस व्यक्ति की शीघ्र उन्नति होती है। मेरे अनुभव के अनुसार अनंत प्रेम लिए अंतहीन गांठ को भवन के नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) कोण में सजाकर रखने से पति-पत्नी के दाम्पत्य प्रेम में वृद्धि होती है। यह भाग्यशाली गांठ एक चिन्ह के रूप में बहुत लोकप्रिय है। इस चिन्ह ताबीज एवं सिक्कों के साथ भी दिया जाता है तथा कपड़ो, फर्नीचर, कार्पेट, चीनी मिट्टी के बर्तनों आदि पर अंकित किया जाता है। अंतहीन गांठ दीर्घायु एवं अनंत सहचर की प्रतिक मानी गई है। यह गांठ अच्छे स्वास्थ्य की भी प्रतीक होती है। इसे अधिकांशत: अमिट प्रेम के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। विशेष रूप से पति-पत्नी के प्रेम के रूप में एक-दूसरे के लिए उनके मन में अनंत एवं अमिट प्रेम होता है, क्योंकि विवाह के बाद ही पति-पत्नी नैतिक दायरे में बंधकर एक-दूसरे के हो जाते है। अंत: अंतहीन गांठ दोनों पति-पत्नी के लिए आदर्श चिन्ह होती है। इसी कारण से इस अंतहीन गांठ के चिन्ह पर्दों, चादरों, परिधानों, फर्नीचर, दरवाजों, खिड़कियों आदि पर प्रचुरता से अंकित किया जाता है। 
    
65 . दाम्पत्य जीवन में अवरोध से बचने के लिए :
भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी का दाम्पत्य बंधन जीवन-भर का बंधन होता है। हिन्दू संस्कृति में इसे सात जन्मों तक के बंधनों की संज्ञा दी गई है। अत: फेंग शुई का उपयोग कर इस दाम्पत्य जीवन के बंधन को सदैव ऊर्जा से भरपूर एवं शाश्वत बना सकते है। अत: दाम्पत्य जीवन में प्रेम का प्रवाह सतत् बनाए रखने के लिए घर में पति के साथ सदैव शिकायत का रोना लेकर नहीं बैठना चाहिए। इससे भवन में हानिकारक (नकारात्मक-अशुभ) ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। भूलकर भी मुख्य द्वार की तरफ पीठ करके नहीं बैठना चाहिए, मुख्य द्वार की तरफ पीठ करके सदैव नापसंद मेहमान को बैठाना चाहिए। कभी भी डबल बेड पर दो गद्दे बिछाकर नहीं सोना चाहिए। ये दो गद्दे मिलकर प्रतीकात्मक अलगाव उत्पन्न करते है जिसके कारण दाम्पत्य तनाव, कलह, मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। 
  
66 . धन वृद्धि व भवन में सम्पन्नता के लिए :
भावनावास में धन की बचत के लिए तीन टांग का मेढक की प्रतिमा को मुख्य द्वार की ओर पीठ करके रख देना चाहिए। रसोई कक्ष में दवाइयां न रखने से व्यक्ति सदा स्वस्थ बना रहता है। भवन में सम्पन्नता एवं खुशहाली के लिए मुख्य प्रवेश द्वार के सामने हँसते हुए बुद्ध की प्रतिमा अवश्य लगनी चाहिए। वैवाहिक भाग्य की वृद्धि के लिए शयन कक्ष में दक्षिण-पश्चिम कोने में मैंडेरिन बत्तख के एक जोड़े को गुलाबी क्वार्ट्ज के अंगूरों के साथ रख दे।



67 . मुख्य द्वार या खिड़की के सम्मुख पेड़ होने पर :
फेंग शुई के अनुसार यदि भवन के मुख्य द्वार अथवा खिड़की के सामने कोई पेड़ हो तब बाहरी दीवार पर पेड़ की तरफ अभिमुख करके एक उत्तल लैंस लगा देने से उस भवन में रहने वाले सभी सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहने लगता है। 


  • यदि कोई नया भवन खरीदना हो तब उस नविन भवन में किसी भी नवजात कन्या को ले जाएं। यदि वह कन्या भवन में प्रवेश करते ही मुस्कराने लगे तो समझें कि वह भवन रहने के लिए शुभ है। यदि वह कन्या भवन में प्रवेश करते समय रोने लगे तो समझे की वह भवन नकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है। फिर ऐसे भवन में नहीं रहना चाहिए।

Tuesday, 6 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (61-63)

61 . शयन कक्ष की उचित दिशा :
फेंग शुई के नियमानुसार भवन के भीतर शयन कक्ष को अपनी रोमांस की दिशा में बनाकर वैवाहिक भाग्य में वृद्धि की जा सकती है। भाग्यांक 1 वाले व्यक्ति को प्रेम एवं रोमांस को भाग्यशाली दिशा दक्षिण होती है, जबकि भाग्यांक 2 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा वायब्य कोण (उत्तर-पश्चिम) होती है तथा भाग्यांक 3 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) होती है, भाग्यांक 4 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा पूर्व होती है, भाग्यांक 5 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा पश्चिम एवं नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) होती है, भाग्यांक 6 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) होती है, भाग्यांक 7 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा उत्तर-पूर्व कोण, भाग्यांक 8 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा पश्चिम एवं भाग्यांक 10 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा उत्तर होती है। 

62 .  धन की कमी न होने देना :
फेंग शुई के अनुसार भवनावास में धन के लगातार प्रवाह के लिए ग्रह के मुख्य द्वार के भीतर की और हैंडल पर तीन चीनी भाग्यवर्धक सिक्के लटकाने चाहिए। लाल रिब्बन में तीन सिक्के चौकोर छिद्र वाले बांधकर इन्हे लटकाना चाहिए। यह भवन में धन की कमी न होने देने के लिए एक सर्बश्रेष्ठ उपाय है। मुख्य द्वार के बाहर एक छोटी घंटी बांधनी आवश्यक है। वैसे तो छोटी घंटी एवं सिक्के में मात्र अंतर यह है कि घंटी शुभ भाग्य की सूचक होती है, जबकि सिक्के धन का प्रतिनिधित्व करते है। उपयुक्त दोनों प्रयोग केवल मुख्य द्वार पर ही करने चाहिए तथा अन्य सभी द्वारों पर इस प्रयोग को नहीं आजमाना चाहिए, क्योंकि फेंग शुई के प्रयोग पंचतत्वों के संतुलन के लिए करना चाहिए न की भवन संतुलन बिगड़ने के लिए। यदि मुख्य द्वार पश्चिम या उत्तर पश्चिम कोण (धातु-तत्वीय) में हो तभी उपयुक्त विधियां अधिक कारगर होकर शुभ फल देती है, क्योंकि सिक्के एवं घंटी धातु के बने होते है और ये दोनों दिशाएं वायब्य एवं पश्चिम धातु तत्व का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। 

63 . भवन के आस-पास सफाई रखें :
फेंग शुई के अनुसार भवन एवं उसके आस-पास के वातवरण उस भवन में रहने वाले सभी प्रकार के व्यक्तियों को प्रभावित करता है, इसलिए हो सके तो भवन के आस-पास का वातावरण सदैव स्वच्छ रखना चाहिए, क्योंकि अव्यस्थित भवन, पुराने अनुपयोगी सामान, गंदगी, कचरा आदि चींजे पारिवारिक सम्बन्धो को बिगाड़ती हैं। इनकी अशुभ नकारात्मक 'ची' ऊर्जा पति-पत्नी एवं बच्चों में मतभेद पैदा कर देती है, जिससे घर की शांति भंग हो जाती है, इसलिए यह आवश्यक है कि इन अनुपयोगी व बेकार की वस्तुओं से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाया जाए। इससे परिवार में प्रेम बढ़ने लगता है। भवन में कूड़ा करकट आदि अनुपयोगी वस्तुओं को बाहर फेंकने के बाद भवन के प्रत्येक कोने को फेंग शुई की सहायता से ऊर्जामय बनाना चाहिए। 

Monday, 5 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (58-60)

58 . सुखदायी पियोनिया के फूल :
फेंग शुई के नियमानुसार पियोनिया के सुन्दर पुष्प प्रेम एवं रोमांस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वैसे तो पियोनिया के फूल गुलाबी, लाल, सफेद एवं पीले आदि रंगों में होते हैं, परन्तु युवा प्रेम के लिए गुलाबी एवं लाल रंग के पियोनिया के फूल ही अत्यंत महत्वपूर्ण माने गए हैं। यदि किसी व्यक्ति के घर में युवा बेटी अविवाहित हो तो उसके द्वारा अपने आवासीय कक्ष में पियोनिया के फूलों की सजावट करने से युवा बेटी के विवाह के शीघ्र प्रस्ताव आने लगते है। इन पियोनिया के फूलों को फूलदान में अथवा इनके चित्रों एवं पेंटिंग को तभी लगाना चाहिए जब घर में विवाह योग्य पुत्र एवं पुत्री हो। उनका विवाह हो जाने के बाद पियोनिया के फूलों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। वैसे तो पियोनिया के फूल सदैव शुभ फल देते हैं, परन्तु विवाहित स्त्री पुरुषों को अपने शयनकक्ष में भूलकर भी पियोनिया के सुन्दर फूल या उसकी पेंटिंग नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि पियोनिया के चित्र शयन कक्ष में लगाने से पति-पत्नी के अवैध सम्बन्ध स्थापित हो सकते है। इसलिए विवाहित व्यक्तियों (स्त्री/पुरुष) को शयन कक्ष में पियोनिया के चित्र या पेंटिंग लगाने से बचना चाहिए। 

59 . प्रेम में वृद्धि के लिए गुलदस्ते एवं फूलदान :
चीनी मिट्टी के फूलदानों एवं कलश आदि को फूलों के साथ भवन में सजाने को फेंग शुई में विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि यही गुलदस्ते एवं फूलदान भवनवास में शांति एवं सामंजस्य अर्थात तालमेल बनाए रखते हुए प्रेम एवं रोमांस ले वृद्धि करते हैं। यह आवश्यक नहीं है की फूलदान में लगे हुए फूल प्राकृतिक अथवा कृतिम हो। ये फूल रेशम, सिल्क आदि के भी सो सकते हैं। मेरे अनुभव के अनुसार सदैव रंग-बिरंगे मन पसंद फूल ही लगाने चाहिए तथा मैसम के अनुरूप उनमे बदलाव भी करते रहना चाहिए। वैसे तो दिशाओं के अनुरूप रंगो के फूल रखने पर शीघ्र एवं अनुकूल लाभ होता है। उत्तर दिशा में नीले एवं बैंगनी फूल लगाने चाहिए, जबकि पश्चिम दिशा में सफेद रंग के मंदपसंद फूल गुलदस्तों में सजाकर सखाने चाहिए। दक्षिण दिशा में लाल गुलाबी रंग के फूल गुलदस्तों में सजाकर लगाने चाहिए। नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) एवं ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण में पीले रंग के फूल गुलदस्तों में सजाकर लगाने चाहिए। भूलकर भी फूलदान एवं गुलदस्तों को रसोई कक्ष में नहीं रखने चाहिए। इसके आलावा शयनकक्ष में ताजे फूल एवं ताजे फूलों से युक्त फूलदान नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह भाग्यवर्द्धक नहीं माना जाता।  भवन में पति-पत्नी एवं बच्चों में प्रेम एवं शांति बनाए रखने के लिए एक बड़े ताड़ एवं बांस की एक फुट लंबी पतली टहनियां डालकर ड्राइंग रूम के बीच में या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) कोण में रख देने से सकारात्मक 'ची' ऊर्जा शक्ति पति-पत्नी के साथ-साथ बच्चों को भी विशेष भाग्यशाली बनाती है। फूलदान में ॐ, स्वस्तिक, क्रॉस , क्रिस्टल, सोने चांदी के सिक्के अथवा रत्न डालकर भवन रसोई कक्ष एवं शौचालय को छोड़कर कहीं भी रख सकते हैं। इससे यह फूलदान भवन में साक्षात लक्ष्मी के आगमन में सहायक होता है। 

  • फेंग शुई के अनुसार उतर-पश्चिम (वायब्य) कोण में चमकीला फर्श मित्रों से दुराव, शत्रुओं की वृद्धि, कोर्ट कचहरी की घटनाएं एवं तलाक तक की घटनाएं करवाता है। अत: वायब्य कोण में संगमरमर या ग्रेनाइट फर्श पर दरी, कालीन, चटाई या सामान आदि रखकर ढक देने से इन आपदाओं से बचा जा सकता है। 
  • फेंगशुई के अनुसार तीन चीनी सिक्कों के लाल रिब्बन में बांधकर विक्रय फैल, बिलबुक या ऑर्डर बुक पर रखने से बिक्री स्वत: ही बढ़ जाती है। मेरे अनुभव के अनुसार भवन के मुख्य द्वार या खिड़की के सम्मुख कोई पेड़ से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। बाहरी दीवार पर पेड़ की तरफ मुख करके उत्तल लैंस (दर्पण) लगा देने से यह दोष दूर हो जाता है।

60 . भाग्य एवं  प्रेम में वृद्धि के लिए फीनिक्स :

फेंगशुई के अनुसार फीनिक्स पक्षी को स्वर्ग से उतरा हुआ चमत्कारी देवदूत पक्षी माना गया है। भवन में इसे रखने पर 'यिन' ऊर्जा की वृद्धि होती है। 'यिन' एवं 'यांग' ऊर्जा के परस्पर संतुलन से अविवाहित युवकों के विवाह शीघ्र होने लगते हैं, इसलिए फीनिक्स पक्षी को युवकों के लिए भाग्य एवं प्रेम का प्रतीक माना गया है। विशेष रूप से युवक (अविवाहित पुरुष) के लिए यह पक्षी प्रेम में वृद्धि करने वाली सकारात्मक 'ची' ऊर्जा की वृद्धि करने के कारण महाभाग्यशाली कहा गया है। जो व्यक्ति अच्छी पत्नी की खोज में हो उन्हें अपने भवन में फीनिक्स के चित्र अवश्य लगाने चाहिए। अकेले रहने वाले युवकों को भूलकर भी अपने भवन में ड्रैगन की प्रतिमा एवं ड्रैगन के प्रतीक चिन्ह भूलकर भी नहीं रखने चाहिए, क्योंकि इससे उनमे व्यभिचारिक प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। महिला को भूलकर भी फिनिक्स पक्षी अपने कक्ष में नहीं रखना चाहिए।