फेंग शुई के अनुसार पारिवारिक रिश्तों को संवारने में झाड़-फानूस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये झाड़-फानूस (chandelier lights) देखने में जितने सुन्दर लगते है, उतने ही शुभ फलदायक होते हैं। इन्हे भवनवास के प्रत्येक कमरे में नैऋत्य कोण में लगाना चाहिए। वैसे तो भवन के प्रवेश द्वार के ऊपर लगा झाड़-फानूस सकारात्मक एवं भाग्यशाली 'ची' ऊर्जा को भवन की तरफ आकर्षित करता है, जबकि भोजनालय में लगा झाड़-फानूस भोजन में सात्विक वृद्धि करता है। झाड़-फानूस भवन के प्रत्येक कक्ष ने दक्षिण पश्चिम कोण में लगाना चाहिए, क्योंकि नैऋत्य कोण में लगे झाड़-फानूस पृथ्वी तत्व के मेल सा भवन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भाग्यशाली ऊर्जा शक्ति से युक्त कर देते हैं जिससे परिवार के मध्य मधुर सम्बन्ध बनते हैं। यदि किसी परिवार में पति-पत्नी के संबंधों में कड़वाहट हो अथवा भाई-बहनो में प्रतिद्वन्दिता हो, उन्हें अपने भवन के दक्षिण-पश्चिम कोण में झाड़-फानूस अवश्य लगाने चाहिए। ऐसा करने से भाई-बहनो में प्रतिद्वन्दिता समाप्त होती है तथा पति-पत्नी के सम्बन्ध मधुर बनते है।
49 . इंटरव्यू में पास होने के लिए :

फेंग शुई के नियम व्यक्ति के कैरियर में काफी सहायक होते है। इन नियमों के अनुसार यदि व्यक्ति साक्षात्कार अथवा इंटरव्यू के लिए जा रहा हो तब वह ऐसे स्थान पर न बैठे जिस जगह पर मेज का त्रिकोण किनारा साक्षात्कारी व्यक्ति की तरफ हो अन्यथा वह उस पद को प्राप्त नहीं कर पाइएगा जिसका वे अधिकारी है अथवा जिस पद की वह अपेक्षा करता है, इसलिए चौकोर मेज के सम्मुख ऐसे बैठना चाहिए की उस मेज का बीच का हिस्सा साक्षात्कारी व्यक्ति की ओर हो, वैसे भवन अथवा ऑफिस या कहीं भी मेज के कोने की तरफ नहीं बैठना चाहिए। यदि चौकोर मेज के चारों तरफ पांच व्यक्तियों को बैठना हो तब किनारों से हटकर बैठना चाहिए, क्योंकि त्रिकोणात्मक किनारे के सामने बैठने से अशुभ नकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति उस दिन कार्य के प्रति उदासीन व तनावग्रस्त हो जाता है। मेज के सामने इस प्रकार से बैठना चाहिए कि वह स्थान भाग्यशाली दिशा हो, अत: भाग्यशाली दिशा जानने के लिए एक घडी के आकार का दिक्सूचक हाथ में बांधें, जिससे भाग्य हमेशा साथ देगा और अपेक्षा के अनुरूप व्यक्ति को सबकुछ प्राप्त हो जाएगा। दरवाजे की तरफ पीठ करके कभी न बैठें और न ही खिड़की की ओर पीठ करके बैठें। बैठते समय पीठ के पीछे ठोस दीवार हो तथा ऐसी सीट पर भी भूलकर न बैठें कि दोनों पैर सीधे दरवाजे की तरफ तने हुए हों, क्योंकि ऐसी स्थिति बहुत अशुभ होती है।
50 . विभिन्न रंगो (Colours) का प्रभाव :
फेंग शुई के अनुसार भवन में फैले विभिन्न प्रकार के रंग उस भवन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करते है। यदि भवन का प्रत्येक दिशा एवं कोना फेंग शुई के अनुसार रंग का हो तब उसका अपेक्षित अनुकूल लाभ उस व्यक्ति को प्राप्त होता है, परन्तु रंगो का अव्यवस्थित ढंग से भवन में प्रयोग करने से उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मेरे अनुभव के अनुसार रंगों के गलत प्रयोग से तनाव, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, उदासीनता, अवसाद एवं मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो जाती है, इसलिए रंगो का प्रयोग में अत्यधिक सावधानो बरतनी चाहिए। वैसे तो ये रंग दीवार पर पोतने आवश्यक नहीं है, क्योंकि इन रंगो के परदे, पोस्टर, वाल पेपर आदि भी उतने ही प्रभावी होते है, जितना इन रंगो का प्रभाव होता है।
फेंग शुई के अनुसार भवन में फैले विभिन्न प्रकार के रंग उस भवन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करते है। यदि भवन का प्रत्येक दिशा एवं कोना फेंग शुई के अनुसार रंग का हो तब उसका अपेक्षित अनुकूल लाभ उस व्यक्ति को प्राप्त होता है, परन्तु रंगो का अव्यवस्थित ढंग से भवन में प्रयोग करने से उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मेरे अनुभव के अनुसार रंगों के गलत प्रयोग से तनाव, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, उदासीनता, अवसाद एवं मानसिक बीमारियां उत्पन्न हो जाती है, इसलिए रंगो का प्रयोग में अत्यधिक सावधानो बरतनी चाहिए। वैसे तो ये रंग दीवार पर पोतने आवश्यक नहीं है, क्योंकि इन रंगो के परदे, पोस्टर, वाल पेपर आदि भी उतने ही प्रभावी होते है, जितना इन रंगो का प्रभाव होता है।
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