Monday, 5 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (58-60)

58 . सुखदायी पियोनिया के फूल :
फेंग शुई के नियमानुसार पियोनिया के सुन्दर पुष्प प्रेम एवं रोमांस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वैसे तो पियोनिया के फूल गुलाबी, लाल, सफेद एवं पीले आदि रंगों में होते हैं, परन्तु युवा प्रेम के लिए गुलाबी एवं लाल रंग के पियोनिया के फूल ही अत्यंत महत्वपूर्ण माने गए हैं। यदि किसी व्यक्ति के घर में युवा बेटी अविवाहित हो तो उसके द्वारा अपने आवासीय कक्ष में पियोनिया के फूलों की सजावट करने से युवा बेटी के विवाह के शीघ्र प्रस्ताव आने लगते है। इन पियोनिया के फूलों को फूलदान में अथवा इनके चित्रों एवं पेंटिंग को तभी लगाना चाहिए जब घर में विवाह योग्य पुत्र एवं पुत्री हो। उनका विवाह हो जाने के बाद पियोनिया के फूलों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। वैसे तो पियोनिया के फूल सदैव शुभ फल देते हैं, परन्तु विवाहित स्त्री पुरुषों को अपने शयनकक्ष में भूलकर भी पियोनिया के सुन्दर फूल या उसकी पेंटिंग नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि पियोनिया के चित्र शयन कक्ष में लगाने से पति-पत्नी के अवैध सम्बन्ध स्थापित हो सकते है। इसलिए विवाहित व्यक्तियों (स्त्री/पुरुष) को शयन कक्ष में पियोनिया के चित्र या पेंटिंग लगाने से बचना चाहिए। 

59 . प्रेम में वृद्धि के लिए गुलदस्ते एवं फूलदान :
चीनी मिट्टी के फूलदानों एवं कलश आदि को फूलों के साथ भवन में सजाने को फेंग शुई में विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि यही गुलदस्ते एवं फूलदान भवनवास में शांति एवं सामंजस्य अर्थात तालमेल बनाए रखते हुए प्रेम एवं रोमांस ले वृद्धि करते हैं। यह आवश्यक नहीं है की फूलदान में लगे हुए फूल प्राकृतिक अथवा कृतिम हो। ये फूल रेशम, सिल्क आदि के भी सो सकते हैं। मेरे अनुभव के अनुसार सदैव रंग-बिरंगे मन पसंद फूल ही लगाने चाहिए तथा मैसम के अनुरूप उनमे बदलाव भी करते रहना चाहिए। वैसे तो दिशाओं के अनुरूप रंगो के फूल रखने पर शीघ्र एवं अनुकूल लाभ होता है। उत्तर दिशा में नीले एवं बैंगनी फूल लगाने चाहिए, जबकि पश्चिम दिशा में सफेद रंग के मंदपसंद फूल गुलदस्तों में सजाकर सखाने चाहिए। दक्षिण दिशा में लाल गुलाबी रंग के फूल गुलदस्तों में सजाकर लगाने चाहिए। नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) एवं ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण में पीले रंग के फूल गुलदस्तों में सजाकर लगाने चाहिए। भूलकर भी फूलदान एवं गुलदस्तों को रसोई कक्ष में नहीं रखने चाहिए। इसके आलावा शयनकक्ष में ताजे फूल एवं ताजे फूलों से युक्त फूलदान नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह भाग्यवर्द्धक नहीं माना जाता।  भवन में पति-पत्नी एवं बच्चों में प्रेम एवं शांति बनाए रखने के लिए एक बड़े ताड़ एवं बांस की एक फुट लंबी पतली टहनियां डालकर ड्राइंग रूम के बीच में या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) कोण में रख देने से सकारात्मक 'ची' ऊर्जा शक्ति पति-पत्नी के साथ-साथ बच्चों को भी विशेष भाग्यशाली बनाती है। फूलदान में ॐ, स्वस्तिक, क्रॉस , क्रिस्टल, सोने चांदी के सिक्के अथवा रत्न डालकर भवन रसोई कक्ष एवं शौचालय को छोड़कर कहीं भी रख सकते हैं। इससे यह फूलदान भवन में साक्षात लक्ष्मी के आगमन में सहायक होता है। 

  • फेंग शुई के अनुसार उतर-पश्चिम (वायब्य) कोण में चमकीला फर्श मित्रों से दुराव, शत्रुओं की वृद्धि, कोर्ट कचहरी की घटनाएं एवं तलाक तक की घटनाएं करवाता है। अत: वायब्य कोण में संगमरमर या ग्रेनाइट फर्श पर दरी, कालीन, चटाई या सामान आदि रखकर ढक देने से इन आपदाओं से बचा जा सकता है। 
  • फेंगशुई के अनुसार तीन चीनी सिक्कों के लाल रिब्बन में बांधकर विक्रय फैल, बिलबुक या ऑर्डर बुक पर रखने से बिक्री स्वत: ही बढ़ जाती है। मेरे अनुभव के अनुसार भवन के मुख्य द्वार या खिड़की के सम्मुख कोई पेड़ से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। बाहरी दीवार पर पेड़ की तरफ मुख करके उत्तल लैंस (दर्पण) लगा देने से यह दोष दूर हो जाता है।

60 . भाग्य एवं  प्रेम में वृद्धि के लिए फीनिक्स :

फेंगशुई के अनुसार फीनिक्स पक्षी को स्वर्ग से उतरा हुआ चमत्कारी देवदूत पक्षी माना गया है। भवन में इसे रखने पर 'यिन' ऊर्जा की वृद्धि होती है। 'यिन' एवं 'यांग' ऊर्जा के परस्पर संतुलन से अविवाहित युवकों के विवाह शीघ्र होने लगते हैं, इसलिए फीनिक्स पक्षी को युवकों के लिए भाग्य एवं प्रेम का प्रतीक माना गया है। विशेष रूप से युवक (अविवाहित पुरुष) के लिए यह पक्षी प्रेम में वृद्धि करने वाली सकारात्मक 'ची' ऊर्जा की वृद्धि करने के कारण महाभाग्यशाली कहा गया है। जो व्यक्ति अच्छी पत्नी की खोज में हो उन्हें अपने भवन में फीनिक्स के चित्र अवश्य लगाने चाहिए। अकेले रहने वाले युवकों को भूलकर भी अपने भवन में ड्रैगन की प्रतिमा एवं ड्रैगन के प्रतीक चिन्ह भूलकर भी नहीं रखने चाहिए, क्योंकि इससे उनमे व्यभिचारिक प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। महिला को भूलकर भी फिनिक्स पक्षी अपने कक्ष में नहीं रखना चाहिए।

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