Tuesday, 6 February 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (61-63)

61 . शयन कक्ष की उचित दिशा :
फेंग शुई के नियमानुसार भवन के भीतर शयन कक्ष को अपनी रोमांस की दिशा में बनाकर वैवाहिक भाग्य में वृद्धि की जा सकती है। भाग्यांक 1 वाले व्यक्ति को प्रेम एवं रोमांस को भाग्यशाली दिशा दक्षिण होती है, जबकि भाग्यांक 2 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा वायब्य कोण (उत्तर-पश्चिम) होती है तथा भाग्यांक 3 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) होती है, भाग्यांक 4 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा पूर्व होती है, भाग्यांक 5 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा पश्चिम एवं नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) होती है, भाग्यांक 6 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) होती है, भाग्यांक 7 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा उत्तर-पूर्व कोण, भाग्यांक 8 वाले व्यक्ति की रोमांस की दिशा पश्चिम एवं भाग्यांक 10 वाले व्यक्ति की रोमांस की भाग्यशाली दिशा उत्तर होती है। 

62 .  धन की कमी न होने देना :
फेंग शुई के अनुसार भवनावास में धन के लगातार प्रवाह के लिए ग्रह के मुख्य द्वार के भीतर की और हैंडल पर तीन चीनी भाग्यवर्धक सिक्के लटकाने चाहिए। लाल रिब्बन में तीन सिक्के चौकोर छिद्र वाले बांधकर इन्हे लटकाना चाहिए। यह भवन में धन की कमी न होने देने के लिए एक सर्बश्रेष्ठ उपाय है। मुख्य द्वार के बाहर एक छोटी घंटी बांधनी आवश्यक है। वैसे तो छोटी घंटी एवं सिक्के में मात्र अंतर यह है कि घंटी शुभ भाग्य की सूचक होती है, जबकि सिक्के धन का प्रतिनिधित्व करते है। उपयुक्त दोनों प्रयोग केवल मुख्य द्वार पर ही करने चाहिए तथा अन्य सभी द्वारों पर इस प्रयोग को नहीं आजमाना चाहिए, क्योंकि फेंग शुई के प्रयोग पंचतत्वों के संतुलन के लिए करना चाहिए न की भवन संतुलन बिगड़ने के लिए। यदि मुख्य द्वार पश्चिम या उत्तर पश्चिम कोण (धातु-तत्वीय) में हो तभी उपयुक्त विधियां अधिक कारगर होकर शुभ फल देती है, क्योंकि सिक्के एवं घंटी धातु के बने होते है और ये दोनों दिशाएं वायब्य एवं पश्चिम धातु तत्व का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। 

63 . भवन के आस-पास सफाई रखें :
फेंग शुई के अनुसार भवन एवं उसके आस-पास के वातवरण उस भवन में रहने वाले सभी प्रकार के व्यक्तियों को प्रभावित करता है, इसलिए हो सके तो भवन के आस-पास का वातावरण सदैव स्वच्छ रखना चाहिए, क्योंकि अव्यस्थित भवन, पुराने अनुपयोगी सामान, गंदगी, कचरा आदि चींजे पारिवारिक सम्बन्धो को बिगाड़ती हैं। इनकी अशुभ नकारात्मक 'ची' ऊर्जा पति-पत्नी एवं बच्चों में मतभेद पैदा कर देती है, जिससे घर की शांति भंग हो जाती है, इसलिए यह आवश्यक है कि इन अनुपयोगी व बेकार की वस्तुओं से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाया जाए। इससे परिवार में प्रेम बढ़ने लगता है। भवन में कूड़ा करकट आदि अनुपयोगी वस्तुओं को बाहर फेंकने के बाद भवन के प्रत्येक कोने को फेंग शुई की सहायता से ऊर्जामय बनाना चाहिए। 

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