41 . मछली के जोड़े का चमत्कारी लॉकेट :

फेंग शुई के अनुसार मछली को शुभत्व का प्रतिक माना गया है। यही चमत्कारी प्रतीक आवास गृह में धन-संपत्ति, सुख-शांति एवं पारिवारिक सामंजस्य स्थापित करता है, इसलिए मछली के जोड़ों की माला, पेंडल की भांति लटका कर पहनने से दुर्घटनाओं, महामारी एवं प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा होती है, इसलिए घनवान व्यक्ति द्वारा स्वर्ण की मछलियां बनवाकर गले में पहनने से धनवृद्धि होती है। मछली के जोड़े को मंत्रो से अभिमंत्रित करके यंत्र की तरह धारण करने से ऐसे व्यक्ति की दुरात्माओं के अशुभ प्रभाव से रक्षा होती है। नव विवाहित पति-पत्नी अपने शयन कक्ष के नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण में मछली का युगल जोड़ा रखे तो उनमे आपस में प्रेम बढ़ता है तथा वे शारीरिक व मानसिक रूप में दोनों ही प्रकार से संतुष्ट रहते हैं।
42 . शयन कक्षों के लिए अशुभ चित्र :
फेंग शुई के नियमानुसार शयन कक्ष में भूलकर भी मछली घर, जलकुंड, झरनों, नदियों, तालाबों आदि का पोस्टर एवं पेंटिंग आदि नहीं लगानी चाहिए अन्यथा इन सब चीजों को शयन कक्ष में लगाने से धन हानि, बिमारियां एवं विश्वासघात में वृद्धि होती है। पति-पत्नी को भी इन्ही सब वस्तुओं के चित्र अपने शयन कक्ष में नहीं लगाने चाहिए। इससे उनके वैवाहिक जीवन अर्थात दाम्पत्य जीवन में कलह होती है। क्योंकि ये चित्र उनके वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट का कार्य करते है तथा संबंधों में ऐसी दरार उत्पन्न करते है कि वह फिर कभी नहीं भरती। जल तत्व की वस्तुएं शयन कक्ष में रखने से उस भवन में रहने वालों की धन हानि होती है। वैसे तो पति-पत्नी में आपस में प्रेम होते हुए भी शयन कक्ष में जल तत्व की वस्तुएं रखने से विश्वासघात की अधिक भावना पनपती है और उनमे प्रेम तो मात्र बाहरी रूप में होता है। शयन कक्ष में मात्र पीने हेतु थोड़ा पानी ढककर रखना चाहिए।
43. पुत्र एवं पुत्रियों के शयन कक्ष :
फेंगशुई के अनुसार यदि परिवार में एक पुत्र एवं एक पुत्री हो तो पुत्र का शयन कक्ष पूर्वी दिशा में एवं पुत्री का शयन कक्ष पश्चिम दिशा में होने से भाई-बहनों के साथ-साथ पूरे परिवार का भाग्य सकारात्मक शुभ 'ची' ऊर्जा से परिपूर्ण रहता है।
फेंग शुई के अनुसार दो पुत्रियां होने पर पड़ी पुत्री का शयन कक्ष आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) कोण में रखे तथा छोटी पुत्री का शयन कक्ष पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
No comments:
Post a Comment