31 . सैभाग्य वृद्धि के लिए बढ़िया क्रॉकरी इस्तेमाल करें :

फेंग शुई के नियमानुसार भूलकर भी चाय, काफी, शरबत, भोजन आदि को टूटी अथवा चटकी क्राकरी में भरकर नहीं खिलाना-पिलाना चाहिए, क्योंकि टूटी हुई क्राकरी में खाने-पीने से दुर्भाग्य की वृद्धि होती है, घर के कप-प्लेट आदि क्राकरी चटकी अथवा टूटी हो तो उसे भवन में नहीं रखना चाहिए। उसे तुरंत फेंक देना चाहिए, ताकि न तो इस्तेमाल हो और न ही वे दुर्भाग्य के कारण बन सके। प्राचीन मान्यता के अनुसार चटके कप-प्लेट, प्यालो आदि में खाने-पीने से बरकत समाप्त हो जाती है और व्यक्ति का सैभाग्य दुर्भाग्य में बदल जाता है। फेंग शुई के अनुसार भूलकर भी केतली से चाय या काफी को मेहमानों के सामने प्यालों में धार के रूप में उनकी तरफ करके नहीं डालना चाहिए तथा स्वयं किसी के घर जाएं तो यह अवश्य ध्यान रखें कि कोई केतली की टोटी की धार आपकी तरफ करके तो प्याले में चाय, काफी या जूस नहीं डाल रहा है। इससे उस व्यक्ति में मतभेद, अनिश्चितता एवं गलतफहमी आदि पैदा हो सकती है। अत: ऐसी स्थिति से बचना परम आवश्यक है।
32 . दुष्प्रभाव रोकती है पवन घंटियां :

वैसे तो धातु की बनी पवन घंटियां सदैव भवन की पश्चिमी दिशा या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में, जबकि लकड़ी की बनी पवन घंटियों को पूर्व दिशा, आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोण या दक्षिण दिशा में ही लटकाना चाहिए। मिट्टी या चीनी मिट्टी की बनी पवन घंटियों को दक्षिण पश्चिम (नैऋत्य) कोण, ईशान (पूर्व-उत्तर) कोण या मध्य में लटकाना लाभदायक होता है। धातु की बनी पवन घंटियां को भवन (गृह/आवास) के कोने के दुष्प्रभाव को रोकने या उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों अथवा गृह स्वामी के सौभाग्य वृद्धि के लिए लगाया जाता है। सैभाग्य वृद्धि के लिए छः छड़ों वाली एवं आठ छड़ों वाली पवन घंटी का प्रयोग करना चाहिए, इसी प्रकार दुष्प्रभाव रोकने के लिए पांच छड़ों वाली पवन घंटी का प्रयोग करना चाहिए।
33 . पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए कलश व फूलदान :

फेंग शुई के नियमानुसार परिवार को सुख समृद्धि से भरपूर रखने के लिए चीनी मिटटी से बने कलश एवं फूलदानों से भवन सजाना आवश्यक है, क्योंकि इस प्रकार की वस्तुएं कम कीमत वाली एवं सजावटी होकर सकारात्मक 'ची' ऊर्जा के प्रवाह का अच्छा माध्यम सिद्ध हो सकती है। पतली सुराहीदार गर्दन वाली मिट्टी की गुल्लक के आकार के जार धन दौलत में वृद्धि के कारक व बहुत ही भाग्यशाली माने गए हैं। इन चीनी मिट्टी के जारों पर बने फीनिक्स, ड्रैगन आदि के चित्र शुभ ऊर्जा के अच्छे संकेत माने गए हैं। पृथ्वी तत्व में वृद्धि के लिए इन्हे दक्षिण-पश्चिम कोण में रखें तथा इनमे रत्न, क्रिस्टल या कीमती पत्थर के टुकड़े डाले। इन्हे भूलकर भी खाली नहीं रखना चाहिए। पूर्व या उत्तर की तरफ फर्श पर अंदर लगे दर्पण लाभकारी होते हैं। भवन की निचली मंजिल पर पूर्वोत्तर के फर्श पर पूर्वी एवं उत्तरी भाग में दर्पण लगाने से फर्श में सकारात्मक 'ची' की वृद्धि से फर्श पर गर्मी आती है। इससे अधिक लाभ होता है। इस कोण पर अंडर ग्राउंड जल टैंक बनाना भी लाभकारी होता है।
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