21 . निरंतर धन वृद्धि :

प्राय: प्रत्येक व्यक्ति की यह हार्दिक इच्छा होती है की उसका धन पूर्णत: सुरक्षित रहे और उसमे सदैव वृद्धि होती रहे, अत: ऐसा व्यक्ति धातु अथवा पृथ्वी तत्व के वस्तुओं से निर्मित स्वयं का एक सुन्दर कलश बनाकर अपने सभी आभूषण-रत्न, मोती आदि उसमे रखें। उस कलश को अलमारी के भीतर ऐसे रखें कि वह किसी बाहरी व्यक्ति को नजर न आए। यदि कलश धरती तत्व का हो तो उसे दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) अथवा ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण की अलमारी में रखें। यदि कलश धातु का बना है तो उसे पश्चिम दिशा अथवा वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में अलमारी में रखें। पृथ्वी तत्व में पकी मिट्टी, चीनी मिट्टी अथवा क्रिस्टल का कलश एवं धातु तत्व में पीतल, ताम्बा, चांदी अथवा सोने के कलश इस्तेमाल किए जा सकते है। धन के कलश की भूलकर भी द्वार के सम्मुख अलमारी में न रखें, अन्यथा धन पानी की तरह बहकर नष्ट हो जाता है।
22 . दुकान की बिक्री में वृद्धि :

फेंग शुई के नियमानुसार दुकान के बाहर पेड़ पौधों की सजावट भी ग्राहकों को दुकान की तरफ आकर्षित करती है, जिसके कारण खरीदारी की संख्या में वृद्धि होती है।
फेंग शुई के अनुसार उत्तर-पूर्व की दिशा में फर्श से छत तक का दर्पण लगाने से लाभ होता है। इस प्रकार भवन, आवास, व्यवसाय स्थल पर लगे दर्पण के सामान ग्रेनाइट इस संगमरमर के बने फर्श भी दर्पण की तरह प्रभाव पैदा करते हैं तथा इनके प्रतिबिम्ब उस स्थान को प्रभावित करते हुए शुभ-अशुभ प्रभाव पैदा करते है।
23 . बागुआ दर्पण :


बागुआ सभी प्रकार से पा-कुआ दर्पण के समान होता है। केवल एक भिन्नता यह होती है कि बागुआ के मध्य में दर्पण के स्थान पर 'यिन' ऊर्जा एवं 'यांग' ऊर्जा के प्रतिक चिन्ह बने होते हैं। बागुआ दर्पण को दरवाजे के ऊपर (मुख्य द्वार के ऊपर) लाल धागे से लटकाना चाहिए। वैसे तो बागुआ दर्पण को मुख्य शयन कक्ष के द्वार के फ्रेम पर भी लटकाना चिहिए. यदि इसे अपने ऑफिस के प्रयोग में लाना हो तब इसे केबिन के द्वार के फ्रेम पर अवश्य लटकाएं।
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