11 . भाग्यशाली भवन :
फेंगशुई के अनुसार भवन सज्जा में रंगों का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रत्येक रंग की ऊर्जा आवृति पृथक-पृथक होती है। इन रंगों में परस्पर संतुलन बनाने से परिवार में प्रेम एवं सामंजस्य बना रहता है, क्योंकि प्रकृति ने भी रंग-बिरंगी चीजें बनाकर रंगो में महत्व को उजागर किया है। यही रंग व्यक्ति के जीवन में रंगत भर देते है। मेरे अनुभव के अनुसार मुख्य रूप से पांच रंगों की प्रमुख भूमिका होती है। यही पांच प्रधान रंग पांच तत्वों में विद्धमान रहते हैं, जैसे लकड़ी (काष्ठ) में हरा, अग्नि में लाल, पृथ्वी में पीला, धातु में सफेद एवं जल में नीला रंग होता है। अत: भवन में पेंटिंग, कालीन, चादरों द्वारा दीवारों पर रंग आदि करके रंग संतुलन बनाए रखना चाहिए। घर के बाहरी रंग रोपण पर ध्यान देना भी अत्यंत आवश्यक है। भवन की दीवारे, छत, दरवाजे आदि सभी कुछ यदि एक ही रंग में रंगे हो तो यह अच्छा संतुलन नहीं हो सकता, इसलिए भवन की दीवारें एवं भीतरी छते अलग-अलग रंगों की एवं दरवाजे अलग चमकदार रंगों में रंगवाने चाहिए। इस प्रकार रंग संतुलन के कारण भवन देखने में सुन्दर लगेगा और ऐसा भवन भाग्यशाली भी रहेगा।

फेंगशुई के अनुसार भवन सज्जा में रंगों का विशेष महत्व है, क्योंकि प्रत्येक रंग की ऊर्जा आवृति पृथक-पृथक होती है। इन रंगों में परस्पर संतुलन बनाने से परिवार में प्रेम एवं सामंजस्य बना रहता है, क्योंकि प्रकृति ने भी रंग-बिरंगी चीजें बनाकर रंगो में महत्व को उजागर किया है। यही रंग व्यक्ति के जीवन में रंगत भर देते है। मेरे अनुभव के अनुसार मुख्य रूप से पांच रंगों की प्रमुख भूमिका होती है। यही पांच प्रधान रंग पांच तत्वों में विद्धमान रहते हैं, जैसे लकड़ी (काष्ठ) में हरा, अग्नि में लाल, पृथ्वी में पीला, धातु में सफेद एवं जल में नीला रंग होता है। अत: भवन में पेंटिंग, कालीन, चादरों द्वारा दीवारों पर रंग आदि करके रंग संतुलन बनाए रखना चाहिए। घर के बाहरी रंग रोपण पर ध्यान देना भी अत्यंत आवश्यक है। भवन की दीवारे, छत, दरवाजे आदि सभी कुछ यदि एक ही रंग में रंगे हो तो यह अच्छा संतुलन नहीं हो सकता, इसलिए भवन की दीवारें एवं भीतरी छते अलग-अलग रंगों की एवं दरवाजे अलग चमकदार रंगों में रंगवाने चाहिए। इस प्रकार रंग संतुलन के कारण भवन देखने में सुन्दर लगेगा और ऐसा भवन भाग्यशाली भी रहेगा।
12 . जीवन साथी की प्राप्ति :

फेंगशुई के अनुसार स्त्रियों के लिए प्रेम, रोमांस एवं दाम्पत्य सुख में वृद्धि करने एवं अविवाहित युवतियों को जीवन साथी प्राप्त करने के लिए ड्रैगन शयन कक्ष में रखना शुभ एवं भाग्यशाली माना गया है, क्योंकि ड्रैगन सकारात्मक 'ची' ऊर्जा में वृद्धि कर देता है और पूरे भवन के वातावरण को अनुकूल प्रकृति में ढ़ाल देता है, जिसके कारण उस स्त्री की वैवाहिक इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। अत: जिन युवतियों को जीवन साथी की तलाश हो अथवा विवाह में बाधाएं आ रही हों, उन्हें अपने ड्राइंग (बैठक) में आग्नेय कोण में धातु का ड्रैगन रखना चाहिए।
जो युवतियां (स्त्रियां) अपने जीवन में मनचाहे जीवन साथी की अभिलाषा रखती हैं उन्हें अपने भवन के मध्य भाग में ड्रैगन की प्रतिमा लगानी चाहिए, क्योंकि यही ड्रैगन प्रेम एवं रोमांस की 'यांग' ऊर्जा को शक्तिशाली ढंग से आस-पास फैला देता है, जिससे उस युवती की समस्त इच्छाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं।
13 . संतुलित 'यिन' ऊर्जा :

फेंगशुई के अनुसार शयन कक्ष में अकेले ड्रैगन की प्रतिमा भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए। इसे ड्राइंग रूम के आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) कोण में रखना चाहिए, क्योंकि शयन कक्ष में रखने से वह युवती आक्रामक हो जाती है तथा ऐसी महिला से प्रेम एवं दोस्ती करने से पुरुष वर्ग कतराने लगता है। मेरे अनुभव के अनुसार जिस भवन में युवतियां अकेली अथवा अपनी माता के साथ रहती हों वहां पर 'यिन' ऊर्जा के कारण असंतुलन हो जाता है, अत: बैठक में ड्रैगन की प्रतिमा इस असंतुलित 'यिन' ऊर्जा को संतुलित कर देती है।
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