Monday, 29 January 2018

फेंग शुई के अनुपम सूत्र (51-53)

51 . बीम एवं खम्भों पर टिकी हुई छतें हानिकारक :


आजकल के युग में भूमि के कमी के कारण बड़े-बड़े शहरों में बीम (शहतीर) एवं खम्भों (स्तम्भों) पर टिकी हुई भवनों की छतें उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों के लिए अनेक प्रकार को समस्याएं खड़ी कर देती हैं जिसके कारण उस भवन में रहने वाले व्यक्तियों को आधे सर में दर्द, तनाव, पारिवारिक संबंधों में कड़वाहट एवं दरार आदि अनेक प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं, जैसे बीम के ठीक नीचे पलंग बिछाकर सोने से सोने वाले पति-पत्नी (दम्पति) शारीरिक रूप से भी एक दूसरे से दूर होते चले जाते है, अर्थात दाम्पत्य कलह उत्पन्न होने से कभी-कभी तलाक तक की नौबत आ जाती है।  

52 . बीम की अशुभ ऊर्जा से बचना जरुरी :


भवन में बीम की अशुभ ऊर्जा के हानिकारक प्रभाव को दूर करने के लिए कक्षों में पवन घंटी लगानी चाहिए। कभी-कभी बीम के नीचे सोने वाले व्यक्ति प्राय: ऐसे भवन में रहते है जो बहुमंजिला होता है तथा जिसमे भवन के कक्षों की छत बीम पर ही टिकी होती है, तब ऐसी स्थिति में सबसे अधिक अशुभ ऊर्जा उत्पन्न होती है। वही अशुभ ऊर्जा उन भवनों में रहने वाले व्यक्तियों पर भयानक व महाअशुभ प्रभाव डालती है। इसके अलावा कुछ  व्यक्ति अपने भवन के कक्षों में सजावटी बीम भी मूर्खता के कारण लगवाते है, और वे भी अत्यधिक हानिकारक होते हैं। अत: ऐसे भवनों के कक्षों में बांस की बांसुरी या बांस की एक छोटी सी तनी लकड़ी टांगकर अशुभ (नकारात्मक) ऊर्जा के दुष्प्रभाव को काम कर सकते है। मेरे अनुभवानुसार बीम के दोनो तरफ ऊर्जायुक्त पिरामिड बीम के समीप लगाएं तथा छत पर प्लाईवुड (लकड़ी) लगवाकर बीम को ढ़क देने से अशुभ ऊर्जा के प्रभाव को भवन में रोका जा सकता है। 

53 . भवन में दर्पण की उचित स्थिति :


फेंग शुई के अनुसार यदि दर्पण मुख्य द्वार को सीधे-सीधे परावर्तित करता हो तो उस स्थान पर भाग्यशाली 'ची' ऊर्जा शक्ति नहीं ठहर सकती, जिससे उस घर में अभाव, दुःख, कष्ट, क्लेश अदि बने रहते हैं। मेरे अनुभव के अनुसार ऐसे घरों में रहने वाले व्यक्ति प्राय: घर से बाहर रहते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने घर में कम ही ठहर पाते हैं। ऐसे भवन में रहने से पति-पत्नी में दरार उत्पन्न हो सकती है। यदि दर्पण मुख्य द्वार को पूरी तरह परिवर्तित न कर रहा हो अर्थात आंशिक रूप से नजर आ रहा हो तब उस भवन में रहने वालों की संताने आशा से पहले ही घर से अलग हो कर रहने लगती है। अत: दर्पण के पास पेड़-पौधों के गमले रख देने से भवन में पैदा होने वाली 'ची' ऊर्जा दोगुनी होकर नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। अत: दर्पण हमेशा उत्तर पूर्व या ईशान कोण के दीवार पर ही पर्याप्त प्रकाश में लगाएं। दर्पण भूलकर भी अंधेरे में नहीं लगाना चाहिए।  
       





    

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